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‘तेरे आने की….’2(अंतिम)

Wise Man's Folly!
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उसका बैग चेअर पर पड़ा हुआ था, मैंने सोचा देखूं बैग में क्या है । मैं बैग तक हाथ ले गया, लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हुई उसकी बैग खोलने की | I hated myself for doubting such a beautiful girl. I had heard of instant coffee before, now it was instant love. Yeh, I was in love with her, deep love. It was strange but fact.
गैस ऑन करके, मैंने एक कटोरा उस पे चढ़ा दिया – कौन है ये…? कॉफ़ी बनाते हुए सोचने लगा |
बाथरूम के गेट खुलने की आवाज़ हुई….. “कॉफ़ी बनानी भी आती है कि नहीं तुमको,” अंदर कमरे से आवाज़ आई | ‘आती है, अभी बना कर ला रहा हूँ’, मैंने किचन से तेज़ आवाज़ में बोला |
-पता नहीं कैसी बनेगी | मैं थोड़ा चिंतित था, -ऐसा न हो कि बेकार बन जाए |
इधर, अभी तक मैं ये नहीं सोच पाया था कि अगर माकन मालिक आ जाता है , तो मैं उसे क्या बोलूँगा..? – इसे किसी से डर नहीं लगता है, लेकिन मुझे तो लगता है | जब मुझे ख़ुद ही नहीं पता है कि ये कौन है..?? तो उसको क्या बोलूँगा, क्या बोलूँगा कि मैंने एक कहानी लिखी थी चार दिन पहले, उसकी नायिका मेरे से मिलने आई है..??? My mind went out of the order. I was unable to think anything.
“कोई सपना कॉल कर रही है तुम्हे”, कहते हुए मोबाइल लेकर किचन के अंदर घुसी | चेहरे पर पानी मार कर आई थी, पानी की नन्ही-नन्ही बुँदे मोती की तरह उसके चेहरे पर सजी हुई थीं |कॉफ़ी बनाना छोड़ कर, I wanted to kiss her.उसने मोबाइल मेरे आगे कर दिया, ‘Sapna calling….’ | एक पल को मैं सकपका गया, समझ नहीं आया क्या बोलूं | मैं उस वक़्त सपना से बात नहीं करना चाहता था – उस वक्त क्या I didn’t want to talk to her ever. ‘ओह’, कह कर मैंने उसके हाथ से मोबाइल ले लिया और water purifier के ऊपर रख दिया |
“तुमने बात क्यों नहीं किया, गर्लफ्रेंड थी..?”, मेरे पीछे से आवाज़ आई, मैं कप में चीनी मिला रहा था | ‘नहीं, दोस्त है सिर्फ…’, मैंने बिना उसकी ओर देख जवाब दिया |
मैं झूठ बोल रहा था, सपना मेरी गर्लफ्रेंड थी, 3 महीने से हम रिलेशनशिप में थे |
“मुझे लगा गर्लफ्रेंड है, इसीलिए मेरे सामने बात नहीं कर रहे हो” फिर पीछे से आवाज़ आई।
-Now, I know, ये लड़की ज़रूरी सीबीआई है | लेकिन सीबीआई मेरे पीछे क्यों है ?, मैंने खुद से सवाल किया |
‘नहीं ऐसा कुछ नहीं है’, कहते हुए कॉफ़ी का मग उसके आगे कर दिया| “अगर गर्लफ्रेंड होगी भी तो मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है”, कहते हुए उसने कॉफ़ी के मग में नाक घुसेड़ लिया, दोनों हाथ से मग को पकड़ कर कॉफ़ी पी रही थी |
‘एक बात पूछूं…?’, मैंने उसे किचन से बहार निकलने के लिए धक्का देते हुए कहा | “हाँ पूछों, एक नहीं हज़ार बात पूछो, सब सवालों का जवाब दूंगी मैं”, आँख मटकाते हुए बोली | “वैसे मुझे भी कुछ पूछनी है, तुमने अपनी कहानी में मेरे बारे में बहुत सी बातें झूठ लिखी है….”, किचन से निकलते हुए बोली |
मैंने पहली बार उसे पीछे से देखा, उसके बाल कमर तक आ रहे थे, शरीर की बनावट खुजराहो की किसी प्रतिमा की तरह लग रही थी | दिये की रौशनी जैसी थी उसके शरीर की बनावट | मेरा दिल उसको अपनी बाँहों में लेने के लिए मचलने लगा | अभी मैं किचन के गेट पर ही था, कि water purifier पर रखा मोबाइल ‘घनघाना’ उठा | मैं मोबाइल लेने के लिए पीछे मुड़ा…| ‘Makan malik calling….’, शिट..!! माकन मालिक का कॉल है | मेरी आवाज़ सुन कर वो भी किचन के गेट पर आ गई | मैं फोन हाथ में लेकर उसको निहारने लगा |
“इडियट मुझे क्या निहार रहे हो, फोन उठाओ नहीं तो वोआ जाएगा, माना करो उसे”, ‘लेकिन बोलूं क्या मैं उसको….??’ मैंने असहाय होते हुए उससे पूछा |
मैं अपने इस रहस्यमयी शाम को माकन मालिक को बुला कर ख़राब नहीं करना चाहता था | ये सच था कि मैं उसे नहीं जानता था, लेकिन पता नहीं क्यों मुझे अच्छी लगने लगी थी | अब मुझे ऐसा लगने लगा था जैसे मैं इसे सच में जानता हूँ | ये सच में अनामिका ही है, मेरी कहानी वाली अनामिका, my love अनामिका…|
इस वक़्त न तो मेरी बुद्धि काम कर रही थी और न ही मैं बुद्धि का इस्तेमाल करना चाहता था | मैं महसूस कर रहा था कि मैं ऐलिस हूँ जो वंडरलैंड लैंड में आ गया है, अब यहाँ कुछ भी हो सकता था, मैं सब के लिए तैयार था | “बोल दो कि ATM में पैसा नहीं था, सो आप कल आ जाइए, अभी मैं दोस्तों के साथ डिनर पर जा रहा हूँ, and fuck him off” | कॉफ़ी के मग से नाक निकालते हुए बोली ।
-What did she just say… fuck him off…?? मैं अंदर से मुस्कुराने लगा |

‘गुड आईडिया’, मैंने उसकी ओर देखता हुए कहा | ‘fuck him off’ से him और off हट गया और सिर्फ ‘fuck’ मेरे अंदर घूमने लगा | मेरे अंदर एक सनसनी दौड़ गई, गुदगुदी से रोंगटे खड़े हो गए…|
“पगलू, कॉल him फ़ास्ट” मुझे डांटते हुए बोली | ‘ओह yes…’ जोम्बी की तरह, बिना कुछ सोचे समझे मैंने उसकी बात मान ली, और माकन मालिक को कॉल कर के पट्टी पढ़ा दिया…| जैसे ही मैंने कॉल काटा, हम दोनों जोर-जोर से हंसने लगे
– ये बिल्कुल कहानी वाली अनामिका की तरह हंसती है | मैं अंदर ही अंदर इस रहस्यमयी लड़की की तुलना कहानी वाली अनामिका से करने लगा था… ये सच में बिल्कुल वैसी ही थी, जैसी लड़की की परिकल्पना मैंने उस कहानी में की थी, “ख़ूबसूरती को दर्शाने के लिए जिन-जिन उपमा व अलंकारों का इस्तेमाल किया जाता है, उन सब का इस्तेमाल कर के भी, मैं नहीं बता सकता हूँ कि वो कितनी खूबसूरत थी” यही लिखा था मैंने उस कहानी में अनामिका के लिए चार दिन पहले, आज सचमुच जो लड़की मेरे सामने अनामिका बन कर हंस रही थी, मैं उसकी ख़ूबसूरती को शब्दों में नहीं समेट सकता था |
“so, how is coffee ?”, कॉफ़ी का शिप लेते हुए उसने पूछा | ‘कमाल है, कॉफ़ी मैंने बनाई है, और तुम मुझी से पूछ रही हो….how is कॉफ़ी…., तुम बताओ कैसी है,’ पूछ कर मैं उसके होंठो को देखने लगा | कॉफ़ी से सने होंठ…. god, it was so tempting.
“लेकिन बनाई तो तुमने मेरे लिए है न, सो बताओ कैसी लगी मेरे लिए बनाई हुई कॉफ़ी”, उसने आंख मटकाते हुए पूछा |
-मेरे कहानी की अनामिका की तरह ये भी विदुषी है |
‘अच्छी है, लेकिन not better than your मुंगिया होंठ’, मैंने कॉफ़ी की शिप लेते हुए उससे कहा | हम दोनों एक साथ हंसने लगे |
-‘हमारी chemistry अच्छी है।’ मैंने अपने मन को समझाया ।
कॉफ़ी समाप्त करके मैंने मग टेबल पर रख दिया | कॉफ़ी पीते हुए हमारे बीच कोई बात-चीत नहीं हुई थी | हम दोनों एक दुसरे को देख कर मुस्कुरा रहे थे बस | I was having fucking good time with her. It was the most romantic evening of my life.
“जूठा मग यहाँ मत रखो, जाओ किचन में रख आओ,’’ जैसे माँ अपने बच्चे को ऑर्डर देती है, वैसे ही उसने मुझे डांटते हुए कहा | मैं भी आज्ञाकारी बच्चे की तरह मग उठा कर जाने लगा | “Oyeee रुको, मेरी कौन लेकर जाएगा, अभी से आदत डाल लो बच्चू, मैं नहीं करने वाली ये सब”, पीछे से मुझे रोकते हुए बोली | मेरा दिमाग एकदम से ठनका- ये लाइन तो मैंने कहानी में लिखी थी | मैं मुस्कुराते हुए पीछे पलटा |
“कॉफ़ी बहुत अच्छी थी, good सर्विस…सरदार खुश हुआ”, कॉफ़ी का मग मेरी ओर बढ़ाते हुए बोली | मैं बस मुस्कुरा कर रह गया |
किचन तक मैं ऐसे चल कर गया जैसे मैं किसी और लोक में चल रहा हूँ | मैं अपने ही घर के चीज़ों को अजीब निगाहों से देख रहा था | सब कुछ नया लग रह था |
मैं मग रख कर जल्दी से वापिस आ गया | मोहतरमा हॉल से उठ कर मेरे बेड रूम में आ कर आराम फरमा रहीं थी, उनके हाथ में फिर से मेरा फ़ोन था |
“सपना जी आपको कॉल कर रहीं है, उन्होंने मेसेज किया है कि ‘I cannot live without you, idiot talk to me, its urgent, missing you”, कहते हुए उसने मोबाइल मेरी ओर बढ़ा दी | चोरी पकड़े जाने की वजह से मैं थोड़ा सहम गया था |
उधर वो नज़रें कड़ी करके मुझे घूरे जा रही थी | मैंने एक पल के लिए उसकी आँखों में देखा, ‘the deep love’ had turned into ‘deep hate’. I was actually felt as if I have been caught red-handed by my girlfriend.
‘सॉरी, I told you a lie, but पूरा झूठ नहीं बोला, वो बस गर्ल फ्रेंड जैसी है’, मैंने हडबडाते हुए तेज़ी से कहा |
-ये क्या अजीब-सी बात कह रहा हूँ मैं इससे..?
“what do you mean by गर्लफ्रेंड जैसी है?’’, कहते हुए बेड से थोड़ा उठी और एक और तकिया को कमर के पीछे रखा, दोनों हाथ को सिर के पीछे फसा ली, और एक पैर को तेज़ी से हिलाने लगी | अब एकदम किसी डॉन के अंदाज़ में बेड पर लेटी थी |
‘I mean वो दिल्ली में रहती है, मैं यहाँ मुंबई में रहता हूँ, It’s a long distance relationship, एंड, I am not so sure about her’, मैंने एक सांस में सारी बाते बात दी | मैं और भी बहुत कुछ सफाई में कहना चाहता था, लेकिन उसकी ज़रुरत महसूस नहीं की |
मेरा सपना के साथ रिलेशनशिप इतना हल्का नहीं था, जितना हल्का करके मैं अभी इसे बता रहा था | इससे मिलने से पहले मैं उसको लेकर काफ़ी सीरियस था | तीन चार दिन से हमरा झगड़ा चल रहा था इसीलिए शाम में मैं उसका कॉल नहीं उठा रहा था |
“डरने की ज़रुरत नहीं है, मैं तुमसे सफाई नहीं मांग रही हूँ, अगर मैं तुम्हे छोड़ कर जा सकती हूँ तो तुम भी किसी से प्यार कर सकते हो, nothing is wrong in it., लेकिन उससे बात कर लो, उसको बोल दो कि मैं कहीं busy हूँ, बेचारी कब से कॉल कर रही है”, बड़े प्यार से मुझे समझाते हुए बोली | बोली में थोड़ी नरमी थी, लेकिन चेहरा अब भी सख्त ही था |
-she is so good एंड समझदार, I love dominating girl. मेरे अंदर से आवाज़ आई |
“I have an idea, तुम फ़ोन लगाओ मैं बात करती हूँ, मज़ा आएगा”, कहते हुए उछल कर उठ बैठी | छोटे बच्चों जैसे शरारत झलक रही थी चेहरे पर | “तुम क्या बात करोगी…?”, मैंने थोड़ा असहज होते हुए पूछा |
“पगलू, तुम लगाओ तो सही, देखो कितना मज़ा आएगा”, कूद कर मेरे पास आ गई…और मेरे हाथ से मोबाइल लेकर सपना का नंबर डायल कर दी |
“its ringing….’’ चहक कर बोली |
तभी मुझे ‘घनघानाहट’ सुनाई दी, मैंने टेबल पर देखा, मेरा दूसरा वाला फ़ोन घनघना रहा था | मैंने फोन उठा कर हाथ में लिया, ‘Sanatan calling….’ –what is this… I mean what the fuck is this..?? मैंने फिर से देखा, ‘Sanatan calling….’, मैंने अपने हाथ के मोबाइल को देखा, it was not my mobile.
मैंने अनामिका की ओर देखा वो दोनों हाथ पीछे कर के मुस्कुरा रही थी |
‘तुमम्म्मम्म्म्मम्म…..’, मैं ख़ुशी के मारे चीख उठा | ‘I cannot believe my eyes….. Oh my gosh… oh my gosh…!!’
वो जोर-जोर से हँसे जा रही थी | ‘तुम कब और कैसे मुंबई आई, oh my गॉड …. फोटो और skype से बिल्कुल अगल दिखती हो, I cannot take it, तुम इस वक़्त यहां, मेरे कमरे में….!!!’ मैं ख़ुशी के मारे दो मिनट तक पता नहीं क्या-क्या बोलता रहा |
“स्टुपिड तुम को बोली वेलेंटाइन day पर आने के लिए तो तुम बोले छुट्टी नहीं है, तो मैं ही चली आई, सोची पहली बार मिलने का इससे अच्छा मौका और क्या हो सकता है… so हैप्पी वेलेंटाइन डे Mr.राइटर”, कहते हुए बाहें फैला दी |
‘क्या कमाल की एक्टिंग करती हो तुम, कैसा इडियट बनाया तुमने मुझे…..’, मैंने उसके बालों पर हाथ फेरते हुए कहा |
“इडियट बनाया नहीं..इडियट तुम हो ही, ये बाईस हज़ार किताबें पढोगे तो यही होगा, कुछ भी सच मान लेते हो, idiot… अगर मेरे अलावा कोई और होती तो…मुझे अब सच में गुस्सा आ रहा है???”, मुझे थप्पड़ मारते हुए बोली और दोनों गाल को पकड़ कर खीचने लगी|
‘यार मुझे लग रहा था कि या तो मैं पागल हो गया हूँ, या फिर ‘लगे रहो मुन्नाभाई के संजय दत्त की तरह मेरे दिमाग में भी कोई केमिकल लोचा हो गया है, ’ कह कर उसकी गर्दन पर kiss करने लगा |
हम फिर से एक दुसरे में विलीन होने लगे थे, इस बार आधे रस्ते से वापिस लौटने की कोई सूरत नहीं थी, ‘गाना प्ले कर दूं…’, कंधे से बालों को हटाते हुए मैंने पूछा….. “बजा दो…’’ | लैपटॉप पर फिर से जगजीत सिंह की आवाज़ में ‘तेरे आने की जब खबर महके, तेरी खुशबू से सारा घर महके…..’ बजने लगा…कमरे की लाइट फिर off थी |

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