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उंगलियां आज भी….2 (अंतिम)

Wise Man's Folly!
Wise Man's Folly!
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‘पता है तुम्हे, मैं हमेशा सोचता था, जिस लड़की से मैं शादी करूँगा उसमे चार चीज़े होनी चाहिए…’
इधर मैं बोल रहा था उधार वो मेरा नक़ल कर रही थी | ये उसके राईट मूड में होने की निशानी थी, जब भी खुश होती थी, मेरा नक़ल करने लगती थी…मैंने जैसे-जैसे हाथ घुमा के बोलता वो भी वैसे ही हाथ गुमाती… बिना आवाज़ किए होंठ हिलती…| उसका एक अंदाज़ जो मुझे बहुत प्यारा लगता था वो था, कभी-कभी जब कुछ recall कर रही होती थी, तब लगातार पलक मटकाते हुए, बिना आवाज़ किए कुछ बुदबुदाने लगती थी…. I just loved it…. उसके चेहरे का ये एक्सप्रेशन … आह…इतना क्यूट लती थी उस वक्त….जी करता था खा जाऊं इसको…. नौटंकी की चलती फिरती दूकान थी |
“और क्या हैं वो चार चीज़े जो मुझे में है…?”, ऐसे बोली जैसे किसी फ़िल्म का संवाद बोल रही हो |
‘पहला, मैं हमेशा चाहता था कि जिस लड़की से मेरी शादी हो, वो मेरे से बड़ी हो, और तुम मुझसे तीन साल बड़ी हो | दूसरा, वो सुंदर हो, और you are exceptionally beautiful. ‘
“Thank you’’
-इसमें थैंक you वाली कौन सी बात है… क्या मैं इसकी झूठी तारीफ़ कर रहा हूँ, किसी गैर बंदे की तरह मुझे ‘थैंक यू’ बोल रही है | खैर मैंने अपनी बात जारी रखी।
‘तीसरा वो intelligent हो, एंड you are…’ –लगती तो नहीं है समझदार, ज़रा भी अक्ल होती तो तो उस छुछुंदर के माँ की संस्कार में नहीं जाती। खैर कोई नहीं बना दूंगा, अभी नहीं है भविष्य में समझदार हो जाएगी |
‘चौथा, उसके past में तीन चार अफेयर रहे हों… and, I hope… इस मामले में आप मुझे निराश नहीं करेंगी.. हहाहा’
“ह्म्म्म…’ होंठ दबा कर उसने मुझे ‘अच्चा बच्चू’ वाला look दिया…|
दो और थे पांचवा और छठा, लेकिन बताना मैंने ठीक नहीं समझा | पांचवा, we both should love each other, छठा, she should be in job. जॉब में तो थी ही… and I think, she loves me…no I doubted.

अपने इडियट होने का पहला सवूत देते हुए बोली, “मुझे पता था कि तुम मुझे एक दिन शादी के लिए बोलोगे” | (I really hate this ‘I already know’ type of persons. Stupid chaps..!! ) दिलचस्प बात ये है कि आज तक मैंने इससे जो कुछ भी कहा है या जो कुछ भी इसके लिए किया है, वो सब इसे पहले से पता होता है |
“I am so हैप्पी कि आज तुमने ये बोला, मुझे सोचने के लिए थोड़ा वक्त दो | लेकिन एक बात तुम तो शादी में कभी इंटरेस्टेड नहीं थे, फिर…??”
I just hated her…. मेरे अंदर एक साथ कई भाव उठने लगे….-सीधा-सीधा न ही बोल दे, इतना घुमा फिरा के क्यों बोल रही है | मुझे भी पता था कि ‘ना’ बोलेगी, मैंने तो बस इसलिए बोल दिया है ताकि कल को मुझे अफ़सोस न हो कि मैंने नहीं बोला | इसकी तो अब सास भी है, फिर क्या सोचेगी, ‘सास की अंतिम संस्कार…’ … जी तो करता है कि एक जोर का थप्पड़ मरुँ…. इडियट…स्टुपिड…जाहिल गंवार… उस दिन कहां गई थी इसकी सास और दामाद जब मुझे ‘I love you’ बोली थी… मैं तो नहीं गया था इसके पीछे ख़ुद मुझ में interested हुई थी… I like you… I wait for you…. और अगर मुझे पता होता कि तुम ‘हाँ’ बोलोगी, तो मैं तुम्हे इस तरह से यहाँ इंस्टीट्यूट में बुला कर, सिर्फ एक कप चाय पिला कर propose नहीं करता…… | दिमाग में पता नहीं और क्या क्या चल रहा था मुझे तेज़ गुस्सा आ रहा था | लेकिन मैंने ख़ुद शांत करते हुए कहा,
“See, I am feeling good कि मुझे तुमसे जो कहना था मैंने कह दिया, now, don’t take seriously. And, I am still not interested in marriage, अभी भी मैं शादी के खिलाफ़ हूँ, लेकिन how else I can live with you? Moreover, I really thankful कि तुमने मुझे अपनी बात कहने का मौका दिया’
“सरजी, चाय लो”, चाय वाला सीढ़ी से उतारते हुए बोला |
‘यहीं टेबल पर रख दो….’
“भैया, कुछ खाने को है क्या…?”
“मैडम, रस है’’
‘ठीक है दो ले आओ’
Woh…शिट..!!! इसके यहाँ का गंदा रस खाएगी…पहले पता होता तो कुछ मंगवा लिया होता…| अचानक मुझे उसपे प्यार आने लगा… बहुतों लड़की से मैं मिला था, लेकिन ये कुछ अलग थी, कुछ क्या सब से अलग थी… इससे पहले जितनी भी लड़की मेरी ज़िन्दगी में आई थी ‘वो सब मुझे प्यार करती थीं’, लेकिन ये पहली थी जिससे मैं प्यार करता था…
“सर, पानी है… बच्ची को प्यास लगी”, मैं उसे प्यार से बच्ची बुलाता था, सो जब खुश होती थी तो मुझसे ऐसे ही बात करती थी, “बच्ची को अब जाना है”, “बच्ची को भूख लगी है”….. वगैरह-वगैरह
‘हाँ, है’,
मैंने टेबल के नीचे बोतल निकाल कर दिया | उसी के लिए एक बोतल नर्मल पानी मंगा कर रखा था, ठंडा पानी नहीं पीती थी | वैसे मार्च में हल्की-हल्की ठंड भी थी, लेकिन वो चाहे कितनी भी गर्मी क्यों न हो ठंड पानी नहीं पीती थी ।

‘तुम्हारा फेवरिट सिंगर कौन है…??’ पानी का बोतल मेरी ओर बढ़ाते हुए मुझ से पूछी | मुझे समझ नहीं आया कि अभी इसे मेरे पसंदीदा गायक के बारे में क्यों जानना है | ‘कैलाश खैर’,तभी चाय वाला नीचे आया और ‘रस’ (बिस्कुट जैसा कुछ होता है) को टेबल पर रख कर चला गया |
“ओके एक गीत सुनती हूँ”, ये कह कर गीत गाने लगी… She didn’t wait for my, ‘हाँ सुनाओ’ |
ओ रे पिया, ओ रे पिया …उड़ने लगा क्यों मन बावला रे….आया कहाँ से यह हौसला रे…

All the while she was singing, I just kept smiling… her eyes were closed.

“I didn’t sing it for you, भ्रम में मत रहना तुम”

I didn’t say anything, just kept smiling….

“बहुत हंसी छुट रही है तुमको …. Now I should leave माँ wait कर रही होगी चाय के लिए…

I will come again soon, but don’t ask me when…’’ कहते हुए उसने मेरा कप उठाया और अपने कप के ऊपर डाल कर कूड़ेदान में डाल दिया | अचानक मुझे तीन महीना पहले का वो दिन याद आ गया, “oye मिस्टर मेरा कप कौन उठेगा….इसे भी ले जाओ…. बच्चू अभी से आदत डाल लो, मैं नहीं खुछ करने वाली…” |

‘कुछ देर और नहीं रुक सकती हो…’, बोलते वक़्त मैं अपने पुरे हाथ-पैर में झनझनी महसूस कर रहा था |

“nooooo…” almost गाते हुए बोली…| एक ‘nooooo’ और दूसरा ‘why sooo?’ को अलग अंदाज़ से बोलती थी, ऐसा लगता था जैसे गा रही हो |

now it was 8:05…..

“ये तुम्हारे पैर में क्या हुआ है, लंगड़ा कर क्यों चल रहे हो’’ मेरे पैर में चोट लग गई थी, सो चलने में थोड़ी तकलीफ हो रही थी |‘कुछ नहीं बस ऐसे ही, कल चोट लग गई थी’

“I will not marry you, if you have some problem in legs, मैं किसी लंगड़े से शादी नहीं कर सकती हूँ”

मेरे अंदर सब कुछ शांत होता जा रहा था… गीत को सुनने के बाद मेरे अंदर सब कुछ ठहर गया था |

था…| Now I knew कि कल ये सच में अपने सास की अंतिम संस्कार में ही गई थी |

“आज गीत कैसे सुना दी तुम, पहले तो माना कर देती थी, कितनी बार बोला फिर भी नहीं सुनाई, आज इतनी मेहरबानी कैसे….?” सवाल का जवाब देना उचित नहीं समझी |
“मैं चाहती हूँ कि तुम ख़ूब पैसा कमाओ, I want to see your name in newspaper.” कहते हुए रोड पार करने लगी, मैंने हाथ पकड़ कर पीछे खीच लिया….|

“क्या हुआ पीछे क्यों खीचा….?”

‘गाड़ी आ रही थी….’ कह कर मेरे दोनों तरफ़ देखा कहीं से गाड़ी नहीं आ रही थी | उसने भी दोने तरफ देखा और बिना बोले रोड पार करने लगी… हम दोनों ने तेज़ी से रोड पार किया…| अब मैं इससे आगे उस के साथ नहीं जा सकता था… वहीँ खड़ा हो कर मैंने उसे विदा किया…. जब तक दूसरी गली में मुड़ी नहीं मैं खड़ा हो कर उसे जाते हुए देखता रहा ….. She didn’t look back. जेब से रूमाल निकाल कर मैं इंस्टीट्यूट की तरफ़ मुड़ गया |

‘भाई, मुझे 12 तारीख को मुंबई जाना है, एक टिकट निकल दो’ मैंने भाई को कॉल कर के कहा |
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पिछले चार साल से I have been living in Mumbai.

Now I know कि उसने गाना क्यों सुनाया था… वो नहीं चाहती थी कि मैं उसे कभी भूलूं… वो जानती थी कि
वो अब कभी मेरे पास नहीं आएगी….जाते-जाते मेरी एक पुरानी wish को पूरा कर गई थी….!! I was right, ‘She was a political प्राणी.’

“उँगलियाँ आज भी इसी सोच में गुम है ‘फ़राज़’, किस तरह उसने नए हाथ थामे होंगे”

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