Menu
blogid : 9992 postid : 649058

सेक्स संबंधों को दुरूह बना देता है

Wise Man's Folly!
Wise Man's Folly!
  • 76 Posts
  • 902 Comments

चमन और मैं रबिबा से बाते कर रहे थे, रबिबा बारह साल से सूफ़ी हसन की सेवा करती आ रहीं हैं, मैं इससे पहले भी आश्रम में आ चूका था लेकिन चमन पहली बार मेरे साथ आया था | सभी ऊँची ऊँची विषयों पर चर्चा कर लेने के बाद चमन ने अचानक रबिबा से उनके और हसन के संबंध के बारे में पूछ लिया, मुझे पहले से इस बात का डर था, लेकिन खैर…!!
रबिबा समझ गई कि चमन क्या सुनना चाहता था, सो उसने बिना बातों को घुमाए सहज और शांत स्वर में बोली, “मेरा हसन के साथ नॉन-सेक्सुअल-कम-सेक्सुअल रिलेशन है”, उनका जवाब सुन कर चमन ने कोई प्रितिक्रिया नहीं दिया शायद वो जवाब को ठीक से समझ नहीं पाया, लेकिन मेरी जिज्ञासा बढ़ गयी, मैंने उससे कहा ‘जरा खुल कर बताओ, समझा नहीं मैं |’…. ‘हां मैं भी कुछ ठीक से नहीं समझा’, अब तक चमन की भी बुद्धि लौट आयी थी |
रबिबा फिर उसी सहजता से बोली, “हम कभी सेक्स नहीं करते हैं, मतलब हम नॉन-पेनिट्रेटिव-सेक्स का आनंद लेते हैं, लेकिन अब उसकी भी ज़रुरत महसूस नहीं होती है | बिना सहवास के ही हसन मुझे भरपूर आनंद और प्रेम से ओतप्रोत कर देते हैं, उनके स्पर्श में सम्पूर्णता है, वो मुझे ऐसे चूमते हैं जैसे अपनी बाँहों में भरकर परमात्मा किसी मासूम बच्चे को चूमता हो । हसन अपना बना लेने और आत्मा को जीत लेने वाले व्यक्तित्व के स्वामी हैं | उनकी सरलता बच्चों जैसी है, लेकिन विचारों में सागर की गहराई | अब मैं उनके पास होने मात्र से ही अलौकिक सुख से भर जाती हूँ | एक बार मैं हसन के सामने निर्वस्त्र हो गई, शुरू के दिनों की बात हैं, मैं बहुत हताश और उदाश थी, हसन ने भर निगाह निचे से ऊपर तक मेरे बदन को निहारा और गहरे विश्वास के साथ कहा, “तुम अनुपम सौंदर्य की स्वामिनी हो”, और फिर बेतहाशा मेरी छातियों को चूमने लगे, मेरे शरीर को उर्जा दिया, पुरे बोध के साथ स्पर्श किया लेकिन उन्होंने सहवास(सेक्स) नहीं किया, हसन मानते हैं कि शारीरिक सहवास संबंधों को दुरूह बना देता है |” अपनी बात समाप्त करते हुए रबिबा मेज पर पड़े गलास को उठा कर पानी पिने लगी, मैं उनकों और सुनना चाहता था, उनकी बातें मेरे हृदय के तारों के छेड़ रही थी.. मौका देख कर मैंने चमन की ओर देखा उसे देख कर साफ़ प्रतीत हो रहा था कि वो रबिबा से प्रशन पूछना चाह रहा हैं.. मुझे ज्ञात था कि चमन क्या पूछेगा, मैं बातचीत को बहस में नहीं बदलना चाहता था…सो मैं ने चमन को इशारे से शांत रहने को कहा….|
रबिबा पानी का गलास वापिस मेज पर रख दी और फिर से बोलने लगी, मैं अपलक उनको देखे जा रहा था, ऐसा शांत और शुदर्शन चेहरा मैंने कभी नहीं देखा था | रबिबा मेरे और चमन से मुख़ातिब होते हुए अपनी बात को पूरा करने लगी, “हसन के लिए प्रेम एक मौन आकर्षण है, वो अक्सर एक शब्द भी बिना बोले अपलक मुझे निहारते रहते हैं, उनका यूं देखना मुझे पूर्णता का एहसास कराता है… कभी कभी मुझे कुछ देर अपलक देखने के बाद आंखे बंद कर के घंटों चुप चाप बैठे रहते हैं…,| अब मैं कभी भी अपने अंदर सेक्स की ज़रुरत महसूस नहीं करती हूँ, सेक्स में जो आनंद मुझे कुछ पलों के लिए मिलता था, अब मैं अक्सर उससे भी गहरे आनंद को अपने अंदर महसूस करती हूँ | हसन की तरह अब मैं भी यही सोचने लगी हूँ कि ‘सेक्स उर्जा का ही एक रूप है’, अगर हम इस उर्जा को बर्बाद होने से बचा लें और इसकी प्रवाह को किसी सार्थक दिशा में मोड़ दें, तो जीवन कितना सुंदर हो सकता है | बच्चे पैदा करने के लिए सेक्स करने की अब ज़रुरत रही नहीं, आनंद के लिए सेक्स करना मुर्खता है, क्योंकि प्रेम के एक क्षण में जितना आनंद मिलता है उतना उम्र भर सेक्स करने में भी नहीं मिल सकता है |”

“कुछ ज्यदा नहीं फेक रही थी..?”, सीढियों से उतरते हुए चमन ने मुझसे पूछा…, ‘उसको देख कर तो ऐसा नहीं लग रहा था, जो सुकून और तेज़ मैंने इस स्त्री के चेहरे पर देखा है वैसा मैंने आजतक नहीं देखा, वो जो कह रही थी वो ख़ुद उसका स्वतः प्रमाण थी | जब जब मुझे प्रेम हुआ है मैंने भी कुछ कुछ वैसा ही महसूस किया है जैसा रबिबा बता रही थी |’
जैसे ही मैंने बात समाप्त की चमन बोला, ‘आज से मैं भी सेक्स नहीं करूंगा’, थोड़ा हैरान होते हुए मैंने पूछा, ‘तूं कर कब रहा था जो अब नहीं करेगा…?’, ‘वो तो है लेकिन, मैं भविष्य में नहीं करूंगा’, | मेरा मन किया कि चमन को कुछ कहूँ, उसकी बुद्धि खोलूं, उससे कहूँ कि सेक्स नहीं करने से कोई सेक्स से मुक्त नहीं हो जाता है, सेक्स नहीं करना उर्जा का दमन है, दमन से तुम और रुग्ण हो जाओगे, रबिबा ने उर्जा को किसी सार्थक दिशा में मोड़ देने की बात की थी, उसको रोक देने की नहीं, लेकिन मैंने चुप रहना ही ठीक समझा, रबिबा के पास बैठ कर जो मैंने सोमरस पिया था उस का नशा अभी भी मुझ पर हावी था, मैं उस नशे को ठीक से जीना चाहता था | मुझे शांत देख कर चमन ने भी आगे कुछ नहीं पूछा |

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply